गुरुवार, 6 अक्टूबर 2016

"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" शाब्दिक अर्थ

"राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" यह तीन शब्दों का एक समुच्चय है ।

(अ) राष्ट्रीय        (ब) स्वयंसेवक         (स) संघ

(अ) राष्ट्रीय :- जिसकी अपने देश ,उसकी संस्कृति ,उसकी परम्पराओं, उसके महापुरुषों,उसकी सुरक्षा एवं समृद्धि के प्रति निष्ठा हो,जो देश के साथ पूर्ण रूप से भावनात्मक मूल्यों से जुड़ा हो अर्थात जिसको सुख-दुःख, हार-जीत व शत्रु-मित्र की समान अनुभूति हो वह राष्ट्रीय कहलाता है।अपने देश में राष्ट्रीयता हेतु सभी आवश्यक तत्वों की पूर्ति हिन्दु समाज के जीवन में हो जाती है । अतः हिन्दु समाज का जीवन ही राष्ट्रीय जीवन है अर्थात "हिंदुत्व ही राष्ट्रीयत्व है" व्यवहारिक रूप से राष्ट्रीय,भारतीय व हिन्दु पर्यायवाची शब्द हैं। इसलिये संघ ने "राष्ट्रीय" शब्द को संघठन के नाम में प्रथम स्थान प्रदान किया ।

(ब) स्वयंसेवक :- जो स्वयं की प्रेरणा से बिना किसी प्रतिफल व पुरस्कार की इच्छा के ,अनुशासन पूर्वक ,निर्धारित पद्धति से नित्य , राष्ट्र , समाज ,देश , धर्म, संस्कृति की सेवा करने ,रक्षा करने और उसकी अभिबृद्धि के लिए प्रमाणिकता व निःस्वार्थ बुद्धि से कार्य करने को उत्सुक हो ऐसे व्यक्ति को स्वयंसेवक कहते हैं। क्योंकि संघ का कार्य राष्ट्रीय समाज में इन गुणों को जागृत व स्थापित करना है इसलिए संघठन का द्वितीय नाम "स्वयंसेवक" रखा गया।

(स) संघ :- संघ का शाब्दिक अर्थ संघठन ,समूह तथा समुदाय , समान विचार , समान लक्ष्य को समर्पित एवं परस्पर आत्मीय भाव से युक्त जिनकी पद्धतियां,रीती परस्पर एक दूसरे से पूर्ण रूप से मिलती हैं व जो पूर्ण समर्पण भाव से कार्य करते हैं ऐसे व्यक्तियों के समूह को संघ कहते हैं । अंग्रेजी में कह सकते हैं
An organization is a group of worker's who think aloud wedded together to a common ideal and goal.
"RSS" Ready for selfless service.
समाज सेवा में तत्पर , नित्य सिद्ध व चिर विश्वसनीय शक्ति ।

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