संघ का क्रमिक विकास व प्रमुख घटना क्रम
सन् 1925 से 1940 तक
संघ की स्थापना विजयदशमी(दशहरा) वि.सं.1982 तदनुसार (27 सितम्बर1925) को पूज्य डॉक्टर "केशव राव बलिराम हेडगेवार" जी ने अपने घर में 20 लोगों को लेकर की।
17 अप्रैल 1926
संघ का नाम "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ" ।
28 मई 1926
"मोहिते के बाड़े" में विधिवत् "दैनिक शाखा" प्रारम्भ।
19 दिसम्बर 1926
सभी मा.संघ चालकों ने मिलकर पू. डॉ. जी को संघ का प्रमुख(सरसंघचालक) चुना।
1927
प्रथम बार 'अधिकारी शिक्षण वर्ग'(O.T.C./संघ शिक्षा वर्ग ।
1928
गुरु पूर्णिमा के दिन परम पवित्र 'भगवध्वज' को गुरु के रूप मान्यता व प्रथम "श्री गुरु दक्षिणा" व "प्रतिज्ञा" कार्यक्रम संपन्न ।
1928
प्रथम "शीत शिविर"एवं घोष ,गीत सह पथ संचलन
1929
19नवंबर संघ स्थान पर प्रथम बार "सरसंघचालक"प्रणाम व औपचारिक रूप से 'बाबा साहब आप्टे,दादाराव परमार्थ,रामभाऊ जामगड़े व गोपालराव येरकुंटवार प्रचारक के रूप में निकले।
1930
21 जुलाई "जंगल सत्याग्रह"में भाग लेने का निश्चय कर पू. डॉ. जी ने डॉ. पारंजपे जी को कार्यवाहक "सरसंघचालक" नियुक्त किया।
1934
वर्धा शिविर में महात्मा गांधी का आगमन छुआ-छुत विहीन (समरस भाव)स्वयंसेवकों को देख कर अत्यंत प्रभावित ।
1935
प्रथम बार नागपुर से बाहर पुणे में प्रथम व द्वितीय वर्ष के वर्ग प्रारम्भ।
1938
लाहौर में प्रथम व द्वितीय वर्ष के वर्गों का आयोजन।
1940
प्रथम चिंतन बैठक संपन्न,बैठक में वर्तमान संस्कृत आज्ञायें व प्रार्थना निश्चित हुई।व
20 जून को पू.डॉ.जी ने अपने देहावसान से एक दिन पूर्व प.पू.श्री गुरु जी को द्वितीय सरसंघचालक मनोनीत किया।
1 टिप्पणियाँ:
बहुत उपयोगी जानकारी
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