स्वयंसेवक की सिद्धता
१.मानसिक सिद्धता।
कार्यकर्ता की मानसिकता सदैव संघ योजना के अनुसार होनी चाहिए।मानसिकता ठीक होने से व्यवहार भी ठीक होगा तथा कर्तृत्व प्रकट होगा।
२.वैचारिक सिद्धता।
वैचारिक परिपक्वता के लिए चिन्तन।
३.शारीरिक सिद्धता।
सतत् कठोर परिश्रम करने एवं सभी प्रकार की जलवायु,वातावरण एवं परिस्थिति में रहने का अभ्यासी।
४.सामाजिक सिद्धता।
जो समाज के विरुद्ध तथा अयोग्य हो उसको छोड़ने की मानसिकता वाला।
५.सांस्कृतिक सिद्धता।
भोगवादी विचार एवं व्यवहार से बचने की सिद्धता।आवश्कतानुसार उपलब्ध वस्तुओं में ही समाधान करने वाला।
६.राजनैतिक सिद्धता।
समाज के ठीक होने से ही रामराज्य आएगा इसलिए जैसा समाज वैसे ही राजनैतिक दाल।किसी भी पद का मोह नहीं रखने वाला।व्यक्ति,जाति,भाषा,पंथ,क्षेत्र आदि से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में ही राजनीति पर विचार करने वाला।
७.संगठनात्मक सिद्धता।
जो भी योजना बनाई जाए उसका उद्देश्य स्पष्ट रहे।जैसे शाखा विस्तार,छूटे क्षेत्र में शाखा प्रारम्भ करना आदि।
कार्यकर्ता की मानसिकता सदैव संघ योजना के अनुसार होनी चाहिए।मानसिकता ठीक होने से व्यवहार भी ठीक होगा तथा कर्तृत्व प्रकट होगा।
२.वैचारिक सिद्धता।
वैचारिक परिपक्वता के लिए चिन्तन।
३.शारीरिक सिद्धता।
सतत् कठोर परिश्रम करने एवं सभी प्रकार की जलवायु,वातावरण एवं परिस्थिति में रहने का अभ्यासी।
४.सामाजिक सिद्धता।
जो समाज के विरुद्ध तथा अयोग्य हो उसको छोड़ने की मानसिकता वाला।
५.सांस्कृतिक सिद्धता।
भोगवादी विचार एवं व्यवहार से बचने की सिद्धता।आवश्कतानुसार उपलब्ध वस्तुओं में ही समाधान करने वाला।
६.राजनैतिक सिद्धता।
समाज के ठीक होने से ही रामराज्य आएगा इसलिए जैसा समाज वैसे ही राजनैतिक दाल।किसी भी पद का मोह नहीं रखने वाला।व्यक्ति,जाति,भाषा,पंथ,क्षेत्र आदि से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में ही राजनीति पर विचार करने वाला।
७.संगठनात्मक सिद्धता।
जो भी योजना बनाई जाए उसका उद्देश्य स्पष्ट रहे।जैसे शाखा विस्तार,छूटे क्षेत्र में शाखा प्रारम्भ करना आदि।
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